सीईओज के बीच ट्रम्प / अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- मैं दाेबारा चुनाव जीता तो बाजार में रॉकेट की तरह उछाल आएगा, हारा तो बाजार क्रैश हो जाएगा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को भारतीय सीईओज के साथ मुलाकात की। इसके बाद ट्रम्प ने कहा- जब मैं दोबारा चुनाव जीतूंगा, तो मुझे लगता है कि बाजार में रॉकेट की तरह उछाल आएगा। चुनाव आ रहे हैं। हमें लगता है कि हम चुनाव जीत जाएंगे, क्योंकि हमने हेल्थकेयर, जॉब्स और मिलिट्री के क्षेत्र में बहुत काम किया है। हमने टैक्स की दरें घटाई हैं, रेगुलेशन कम किया है। जहां तक नौकरियों की बात है, सरकार सिर्फ इसमें मदद कर सकती है। असली नौकरियां तो प्राइवेट सेक्टर देता है।


ट्रम्प ने कहा- अगर मैं चुनाव नहीं जीता तो आप ऐसी गिरावट देखेंगे, जाे आपने पहले कभी नहीं देखी होगी। कोरोनावायरस के प्रकोप पर ट्रम्प ने कहा- चीन बहुत मेहनत कर रहा है, मैंने चीन के राष्ट्रपति से बात की है। ऐसा लग रहा है चीन कोरोना वायरस पर नियंत्रण पा रहा है। उन्होंने बताया- भारत अमेरिका से हैलीकॉप्टर खरीदी के लिए 21.5 हजार करोड़ रुपए का करार कर रहा है।


उद्योगपतियों से बैठक के दौरान राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा- यहां मौजूद होना मेरे लिए सम्मान की बात है। आपके प्रधानमंत्री बेहद खास हैं। उन्हें मालूम है कि वे क्या कर रहे हैं। वे एक दृढ़ इंसान हैं और उन्होंने काफी अच्छा काम किया है। अब हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, भारतीय एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल, टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन, महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिन्द्रा, लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन एएम नाइक और बायोकॉन की एमडी किरण मजमूदार शॉ मौजूद थीं।
 


भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला ने कहा- 



  • ‘अमेरिका-भारत एक बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। भारत एक उभरती हुई शक्ति है। दोनों देशों के बीच लोगों के संपर्क बढ़ाने पर चर्चा हुई। जिससे दोनों की अर्थव्यवस्था और समाज को फायदा मिल सके। यह इस समय काफी महत्वूपर्ण है कि दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया जाए।’ 

  • ‘जो भारतीय कामगार हैं उनको लेकर भी बातचीत हुई। उनका योगदान काफी तेजी के साथ आगे बढ़े। दोनों देशों के बीच इस पर चर्चा हुई कि तकनीकी क्षेत्रों और नवीनीकरण को शामिल किया जाएगा। यह कह सकते हैं दो लोकतांत्रित पृष्ठभूमि होने के कारण दोनों देशों की समान विचारधारा है। एक लोकतांत्रिक देश दूसरे लोकतांत्रिक देश में अच्छे से सहयोग कर सकते हैं।’ 

  • ‘बातचीत में  8 साल से कम काम करते या अमेरिका के तंत्र में अगर वो कम समय बिताने वाले कर्मचारियों का मुद्दा उठाया गया। बेसिक मुद्दों पर बात की जाए तो कनेक्टिविटी पर चर्चा हुई। हाल ही में इनेशिएटिव शुरू किए गए हैं उनमें ये भी भावना था कि जानकारियों के आदान प्रदान को लेकर एक साथ काम करना होगा। महामारी विशेष तौर पर कोरोनावायरस फैलने जैसी स्थिति को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है।’



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